वो क्या था जिसकी मुझे तलाश थी ।
अठ्ठारह वर्ष का एक युवक चिंता ग्रस्त था।
वह यह महसूस करता है कि यार! कुछ तो है जो
मुझे दिन-ब दिन वहीं ढकेल देता है जहाँ से मैं बाहर निकल कर अपने सपने पूरे करना चाहता हूँ।
क्या है वो?
आखिर क्यों मैं खुश नहीं हूँ ?
ये कैसी विडंबना है ईश्वर?
आज ही तो आचार्य जी ने कहा था कि जब कभी भी ऊहापोह की स्थिति मे हो तो बस अपना बचपन याद कर लेना।
समस्या का समाधान वहीं मिलेगा।
आचार्य जी भी कभी-कभी कैसे- कैसे मज़ाक करते हैं।
कैसे भला हर मर्ज़ की एक ही दवाई सम्भव है।
फिर भी कितना भव्य था मेरा बचपन!
चिंता थी तो बस खूब सारा खेलने की।
आह! मेरी पहली साईकिल!
कैसे मैं उसे रोज़ाना 3-4 घण्टे चलाया करता था।
वह यह महसूस करता है कि यार! कुछ तो है जो
मुझे दिन-ब दिन वहीं ढकेल देता है जहाँ से मैं बाहर निकल कर अपने सपने पूरे करना चाहता हूँ।
क्या है वो?
आखिर क्यों मैं खुश नहीं हूँ ?
ये कैसी विडंबना है ईश्वर?
आज ही तो आचार्य जी ने कहा था कि जब कभी भी ऊहापोह की स्थिति मे हो तो बस अपना बचपन याद कर लेना।
समस्या का समाधान वहीं मिलेगा।
आचार्य जी भी कभी-कभी कैसे- कैसे मज़ाक करते हैं।
कैसे भला हर मर्ज़ की एक ही दवाई सम्भव है।
फिर भी कितना भव्य था मेरा बचपन!
चिंता थी तो बस खूब सारा खेलने की।
आह! मेरी पहली साईकिल!
कैसे मैं उसे रोज़ाना 3-4 घण्टे चलाया करता था।
रूको ज़रा,
क्या कहा मैने अभी?
3-4 घण्टे !
यही तो है जिसकी तलाश मैं कर रहा था।
पहले सब कुछ ठीक था क्योंकि मैं टूट के मेहनत करता था।
शायद तब मेहनत से नही घबराते थे।
अब तो कोई बस कह दे कि साईकिल से जा के यह काम कर के आ जाओ, दुश्मन-सा लगता है।
फिर अपने कार्य में इतना खो जाते थे कि किसी की बुराई करने का समय ही ना था।
जिंदगी को एक बार फिर से उसी उत्साह से जिने की ज़रूरत है।
उसी उमंग और कुतूहल के साथ जो बचपन में था।
क्या कहा मैने अभी?
3-4 घण्टे !
यही तो है जिसकी तलाश मैं कर रहा था।
पहले सब कुछ ठीक था क्योंकि मैं टूट के मेहनत करता था।
शायद तब मेहनत से नही घबराते थे।
अब तो कोई बस कह दे कि साईकिल से जा के यह काम कर के आ जाओ, दुश्मन-सा लगता है।
फिर अपने कार्य में इतना खो जाते थे कि किसी की बुराई करने का समय ही ना था।
जिंदगी को एक बार फिर से उसी उत्साह से जिने की ज़रूरत है।
उसी उमंग और कुतूहल के साथ जो बचपन में था।
आप क्या सोच रहे हैं?
ज़रा अपने बचपन को याद कीजिए, क्या पता आप को भी अपनी समस्या का समाधान वहीं मिल जाये!
ज़रा अपने बचपन को याद कीजिए, क्या पता आप को भी अपनी समस्या का समाधान वहीं मिल जाये!
ढेर सारा प्यार,
0 Comments