किसानों के कर्ज़माफ़ी एक दर्द निवारक दवा न कि दूरगामी इलाज .......


              किसानों के द्वारा की जा रही आत्महत्याओं के सिलसिले के बीच सरकार गठन के पश्चात उतरप्रदेश की सरकार ने किसानों का 36,359 करोड़ का कर्जा माफ़ किया हैं तथा 1 लाख तक का कर्जा लेने वालों को राहत देने का फैसला लिया हैं| देखा जाए तो अपने चुनावी वादे को पूरा करना एक सहरानीय कदम हैं तथा किसानों को काफी हद तक राहत मिलेगी | और अब अन्य राज्य सरकारों के ऊपर अपने राज्य के किसानों के कर्ज माफ़ करने का दबाव हैं | किसानों की यह समस्या काफी लम्बे समय से थी और इससे पूर्व में भी कर्ज माफ़ किये गये हैं जो सिर्फ एक दर्द निवारक दवा की तरह रहे हैं तथा उनको एक सीमित समय तक ही राहत मिली हैं| लेकिन इसका कोई दूरगामी परिणाम नही मिला | दूसरी बात यह हैं कि किसान कर्ज़ माफ़ी का लाभ साहूकारों या अन्य निजी ऋणदाताओं से ऋण लेने वाले किसानों को नही मिल पाता और बैंको को इसकी भरपाई लम्बे समय तक नही हो पाती तथा किसानों का हर चुनावों के बाद प्रतीक्षा बढ़ जाती हैं |
             आज सरकारे लोकलुभावनी नीति पर चल रही हैं जिसमें सबसे ज्यादा प्रभावित है तो वो हैं किसान, उनके रोग का जड़ से इलाज नही किया जा रहा हैं |
इस वर्ष केंद्र सरकार द्वारा पेश किये गए आम बजट 2017-18 के व्यापक एजेंडे को चलाने के लिए दस विशिष्ठ स्तम्भ भी जारी किये जिसमें ‘किसानों की 5 वर्षों में आय को दुगुना करने का प्रतिबद्ध’ पहला स्तम्भ रखा गया हैं| मानसून की अनिश्चितता से लाचार किसानों के लिए गर सरकार वाकई कुछ करना चाहती हैं तो वर्तमान सरकारे फसल बीमा योजना, कृषि उत्पादों के लिए खुले बाजार ,ग्रामीण सड़कों और बुनयादी सुविधाओं पर ध्यान देकर कर सकती हैं जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी तथा किसान आत्मनिर्भर बनेंगे|
             प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ,निसंदेह यह एक किसानों को सशक्त करने लिए लागू की गई योजना हैं लेकिन इसमें कुछ और सुधार किये जाए तथा कृषि उत्पादों के लिए खुले बाजार की व्यवस्था की जाए जिसमें राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम)के अंतर्गत सम्पूर्ण देश को एक साथ एकीकृत किया जाए इस कार्य से किसानों को घर बैठे अपनी फसल के दाम लेने का मौका मिलेगा| आज देश के सर्वाधिक किसान गाँवो में रहते हैं जहा आज भी बुनयादी जरूरते पूरी नही हो सकी हैं जिसमे प्रमुख रूप से निर्बाध परिवहन की व्यवस्था जिसके लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत गाँवो को नजदीक कृषि बाजार से जोड़ा जाए | भारत में मानसून की अनिश्चितता रहती हैं इसके लिए जल के स्तर को बढ़ाया जाए जिसमें किसानों हेतु सिंचाई सुविधाओं का विस्तार किया जाए जिससे प्राकृतिक जलस्तर भी बढ़ेगा और किसानों को आर्थिक लाभ भी पहुंचेगा|

- शौकत अली खान  

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