फ़क़ीर इंसानी खानदान की बेहतरीन जात है और फ़क़ीर बनने के लिए बहुत कुछ त्याग की जरुरत होती है और कुर्बानी की क़ुव्वत भी. फ़क़ीर शब्द भी प्रशंसनीय है और और फ़क़ीरपन भी. हर इंसान को फ़क़ीर होना चाहिए क्योंकि यह बड्डपन, गुरूर, फरेब,क्रोध,घमण्ड,प्रशंसा से मुक्त होता है और चाहिए कि बाकी इंसान भी जिंदगी में फ़क़ीरपन को अपनाए.क्योंकि उपर्युक्त सभी तत्व इंसान को बर्बादी करने पे तुले हुए है.मैंने फ़क़ीर को इनसे परे देखा है.
असल मे कामयाबी फ़क़ीरपन और समपर्ण के इर्दगिर्द होती है. खुद परवरदिगार सबसे अव्वल फ़क़ीर को रखता है बाद अन्य को.
क्यों न ऐसा बने जिसके खुद-खुदा क़रीब हो !❤️
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