वत्तन की मोहब्बत ...

ज्यों-ज्यों रात गहरी होती जाएगी दिल का सब्र टूटकर हौसला तोड़ने के इरादे में होगा,दिन में देखा गया वो चांद सा चेहरा हमेशा के लिए अपनी रोशनी को खो चुका हैं, वत्तन की मोहब्बत ने उस चांद को अपने कब्ज़े में ले लिया हैं।
भीत्तर के इश्क़ ने उससे की गई मोहब्बत को ओर जोर देने का काम किया लेक़िन वक़्त और इश्क़ कभी कभार रुख्सत हो जाया करते हैं अनहोनी कहकर...!!

जिस मिट्टी की मोहब्बत ने उसे अपनी गोद का कर्जदार बनाया वो मातृभूमि अपने वीर के प्रेम की असली परिभाषा समझ सकती हैं और महसूस कर सकती हैं।

दहशत के विरुद्ध लड़कर मोहब्बत का पैगाम इस मुल्क की फितरत रही हैं ,जब-जब भी इस दुनिया मे दहशत के अंगारे भड़के हैं इश्क,और मोहब्बत ने उसको जख्म देने का काम किया हैं। रब ने हमेशा मोहब्बते स्वीकारी हैं....

देश के वीर बहादुर अपनी शहादत सशर्त नही स्वीकारा करते लेक़िन कर्ज़ हर हिंदुस्तानी का हैं कि उनके बलिदान को दिल मे संजोए और उनके परिवार को होंसला और अपना साथ दे...

जब जब भी मोहब्बत की इबादते हो मुल्क का नाम सर्वप्रथम हो,दहशत व जहालत का इस दुनिया मे कही बशेरा नही हैं उन्हें तबाह होना हैं आज नही तो कल ....

सलाम🇮🇳

Shoukat Ali Khan
www.voiceofshoukat.blogspot.com

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