कोरोनो से जंग

उसकी आखिरी इच्छा थी कि वो अपने शहर का आखिरी सूर्योदय देखे !!

हम चाहते है कि जिंदगी की हर शाम कोई कसूर लेकर घर दस्तक ना दे,बरसों से आ रही नस्लें बचाने की परंपरा को हमे भी निभाना है,बशर्ते है कि हमें घरों में ही ठहराना होगा..!!

वक्त रुकता नही,हम फिर से सामान्य हो जाएंगे, बुरा वक्त चला जाएगा लेकिन बस मौतों का सिलसिला शुरू न हो. घर-परिवार और रिश्तेदारों को सन्देश दे कि वो इन बन्दिशों को अपनी नस्लों के वास्ते सहन करे..

घरों के बाहर आपके पहरेदार है, फ़रिश्ते खड़े है कोई डॉक्टर के वेश में तो कोई पुलिस के वेश में,कोई मीडिया के रूप में।

आप स्वस्थ रहो, इसलिए वो बाहर है !!

- शौक़त अली

#StayHome
#indialockdown #coronavirusindia

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