इंसान अपनी आखिरी दहलीज़ पे अपनों को बहुत याद करता हैं, अंतिम सांस तक उसकी रूह माँ-बाप की मुहब्बत का इंतज़ार करती हैं.इसलिए कि-
अपने माँ-बाप की शफ़क़त और अपनों से अपनापन आपकी जमीर होना चाहिए, तकरार और दुश्मनी आपसे यह सब छीन सकती हैं. सौदा व्यापार में हो अपनेपन में नही. मौत भी मुहब्बत से लगाव रखती हैं.🍁
- Shoukat
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बिल्कुल सही
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